कोरोना से जंग / टैक्स विभाग 5 लाख रुपए तक का बकाया रिफंड तुरंत जारी करेगा, 14 लाख लोगों और कारोबारी इकाइयों को होगा फायदा

नई दिल्ली. नए कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे लोगों और कारोबारियों को राहत देने के लिए आयकर विभाग 5 लाख रुपए तक का लंबित रिफंड तुरंत जारी करेगा। इसका लाभ करीब 14 लाख करदाताओं को मिलेगा। सरकार ने बुधवार को सभी कारोबारी संस्थाओं और व्यक्तियों को 5 लाख रुपए तक के सभी आयकर रिफंड तुरंत जारी करने का फैसला किया। सभी लंबित जीएसटी और कस्टम रिफंड्स भी जारी करने का फैसला किया गया है। इसका लाभ करीब 1 लाख कारोबारियों इकाइयों को मिलेगा, जिसमें एमएसएमई भी शामिल हैं।



कुल 18,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे
वित्त मंत्रालय के बुधवार के एक बयान के मुताबिक इस तरह से कुल करीब 18 हजार करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए जाएंगे। गौरतलब है कि देशभर में अब तक 5,000 से ज्यादा लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं। बुधवार तक 173 लोगों की इस संक्रमण से जान चली गई है।



क्या होता है रिफंड?
कंपनी अपने कर्मचारियों को सालभर वेतन देने के दौरान उसके वेतन में से टैक्स का अनुमानित हिस्सा काटकर पहले ही सरकार के खाते में जमा कर देती है। कर्मचारी साल के आखिर में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, जिसमें वे बताते हैं कि टैक्स के रूप में उनकी तरफ से कितनी देनदारी है। यदि वास्तविक देनदारी पहले काट लिए गए टैक्स की रकम से कम है, तो शेष राशि रिफंड के रूप में कर्मचारी को मिलती है।



रिफंड लेने की क्या होती है प्रक्रिया?
रिफंड लेने के लिए कर्मचारी को कारोबारी साल खत्म होने के बाद रिटर्न दाखिल करना होता है। कर्मचारियों को रिटर्न में बताना होता है कि वह कितने रिफंड का हकदार है। यदि उसका दावा सही होता है, तो रिफंड की राशि टैक्स विभाग सीधे उसके खाते में डाल देता है।



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